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हम उस संस्कृति को अपनाने में लगे हुए थे जो हमारे नाश के लिए ही बनाई गई थी

| | Friday, July 10, 2020
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कोई भी दुनिया में सत्य तब तक नहीं जान सकता जब तक इतिहास की सबसे बड़ी कड़ी अश्वत्थामा को हम नहीं पकड़ेंगे हमे सच जानने के लिए अश्वत्थामा को लेकर जानना होगा  महाभारत के युद्ध के बाद से अब तक की सही सही कड़ी कोई ठीक प्रकार से कोई नहीं जोड़ पाया है कि अश्वत्थामा ने ही श्री कृष्ण से श्राप दिए जाने के कारण उसने श्री कृष्ण जी से बदला लेने के लिए येरूशलम से तीनों धर्मो की स्थापना कराई और उनके धर्म ग्रंथ लिखवाए वो कभी ज्यादा किसी के सामने नहीं आया उसने कमजोर लोगो को अपने वश में कर अपने जाल बिछाने आरंभ किए उसने दिमागी गेम खेला जो सबसे ज्यादा पेचीदा होता है उसने है चीज को इतना सोच समझ के किया जितना कोई दूसरा न कर सकता हो क्योंकि उसे कलयुग के अंत तक का श्राप था उसके पास समय की अधिकता थी उसने ही कृष्ण को क्रिश्चयन और कृष्ण नीति को क्रिसचियनिटी बना दिया और सब कुछ सब धर्मो में इतना गड़बड़ कर दिया ताकि कोई कुछ ना समझ सके और उसने अपना प्राचीन ज्ञान और साम दाम दण्ड भेद शक्ति सब इसमें झोंक दी उसने है अलग अलग भाषाएं लिखवाई और उसने ही जो आज हम बदलाव संरचना देख रहे है वो उसके इशारे पर ही हुई कोई भी इस सबको एक साथ मिलाकर नहीं देख सका क्योंकि अलग धर्म इसी लिए बनाए गए थे  ताकि कोई मिल जुलकर गुत्थी सुलझा न लेे और अपना बचाव न करले और पाप से बच जाए क्योंकि जो उसके षड्यंत्र के अनुसार पाप करलेता है उसका अंत आसानी से हो सकता है इसी लिए अध्यात्मिकता से जुड़ी चीजों को धीरे धीरे ख़तम किया इसको जानने के लिए सबकुछ जानना होगा खुद से में एक इशारा दे सकता हूं और वो है Illuminati Secret Societ
हम सबका एक ही आर्य धर्म था है और रहेगा ये ही हमारा मार्ग दर्शन करेगा और हमे बचाएगा

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